आजकाल निंद क्या हे वो भूल गये हे हम,
आपकी यादो मे कुछ इस तऱ्ह से खो गये हे हम,
रुथ न जन हमसे कभी ए जानेमन,
आपकी आंखो मी हमारी जिंदगी देखते हे हम...!!!!
सुशांत बनकर.
आपकी यादो मे कुछ इस तऱ्ह से खो गये हे हम,
रुथ न जन हमसे कभी ए जानेमन,
आपकी आंखो मी हमारी जिंदगी देखते हे हम...!!!!
सुशांत बनकर.
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